करैरा में रजिस्ट्री गाइडलाइन दरों को लेकर विवाद गहराया, उपपंजीयक सुरेंद्र बरेलिया पर पक्षपात के आरोप—बरेलिया ने,भू-माफियाओं की साजिश बताया।


करैरा । करैरा तहसील में वर्ष 2025-26 के लिए निर्धारित कीख गई नई रजिस्ट्री गाइडलाइन दरों को लेकर बड़ा विवाद सामने आया है। स्थानीय अभिभाषक एडवोकेट महेंद्र बघेल ने पूर्व उपपंजीयक सुरेंद्र बरेलिया पर मनमानी, पारदर्शिता की अनदेखी और कुछ कॉलोनाइजरों को लाभ पहुंचाने जैसे गंभीर आरोप लगाए हैं। बघेल का कहना है कि शासन ने दरों में कोई बढ़ोतरी नहीं की, फिर भी करैरा में रजिस्ट्री गाइडलाइन दरें 25 से 60 प्रतिशत तक बढ़ा दी गईं, जिससे जनता पर डेढ़ गुना तक का अतिरिक्त आर्थिक भार पड़ा है।

बरेलिया ने आरोपों को बताया बेबुनियाद, भू-माफियाओं की साजिश का आरोप

इस मामले में जब तत्कालीन उपपंजीयक सुरेंद्र बरेलिया से प्रतिक्रिया ली गई, तो उन्होंने सभी आरोपों को सिरे से खारिज किया। बरेलिया ने कहा, “गाइडलाइन निर्धारण का काम हमारे स्तर का नहीं है, बल्कि यह जिला स्तर पर तय होता है। दावे-आपत्तियों के लिए नियम अनुसार 10 दिन का समय दिया जाता है। अगर किसी को आपत्ति थी, तो उसे नियमानुसार प्रस्तुत करना था। मैं किसी एक व्यक्ति को क्यों लाभ पहुंचाऊँगा?” बरेलिया ने यह भी आरोप लगाया कि कुछ जनप्रतिनिधि और उनके परिजन उन पर गैरकानूनी कार्यों को करने का दबाव बनाते थे, लेकिन उन्होंने नियमों के विरुद्ध कोई काम नहीं किया। “मैंने दबाव में आकर किसी के इनलीगल कार्य नहीं किए, इसी कारण मुझ पर अब आरोप लगाए जा रहे हैं, जबकि मेरा स्थानांतरण भी हो चुका है,” उन्होंने स्पष्ट किया।
‘शासन को रजिस्ट्री का पैसा न देना पड़े, यही मंशा’
बरेलिया ने बिना नाम लिए कुछ भू-माफियाओं पर भी निशाना साधा और कहा, “ये वही लोग हैं जो अपनी जमीन बेचकर करोड़ों कमाने की सोचते हैं, लेकिन जब बात शासन को रजिस्ट्री शुल्क देने की आती है, तो पीछे हट जाते हैं। आज वही लोग मेरे खिलाफ माहौल बना रहे हैं।”

महंगी रजिस्ट्री होने से जनता में नाराजगी,  बघेल ने एसडीएम से जांच की मांग

एडवोकेट बघेल ने करैरा एसडीएम को ज्ञापन सौंपकर इस पूरे प्रकरण की उच्च स्तरीय जांच की मांग की है। उनका कहना है कि गाइडलाइन निर्धारण में न पारदर्शिता बरती गई, न ही कोई बैठक बुलाई गई और न ही दावे-आपत्ति की प्रक्रिया को सही तरीके से लागू किया गया। करैरा में रजिस्ट्री गाइडलाइन दरों को लेकर छिड़े इस विवाद ने प्रशासन, जनप्रतिनिधियों और आम जनता के बीच टकराव की स्थिति पैदा कर दी है। एक ओर जहां अधिकारी नियमों का पालन करने का दावा कर रहे हैं, वहीं दूसरी ओर स्थानीय लोगों को यह निर्णय मनमानी और पक्षपातपूर्ण लग रहा है
पत्रकार राजेन्द्र गुप्ता मो नं 8435495303