करेरा,फूटा तालाब के पास अस्थाई टॉयलेट्स जलकर राख, नगर परिषद की लापरवाही उजागर



करैरा,: - नगर परिषद की घोर लापरवाही और प्रशासनिक उदासीनता का नमूना उस वक्त सामने आया, जब फूटा तालाब पर रखे गए अस्थाई टॉयलेट्स आग की भेंट चढ़ गए। नगर परिषद कार्यालय से मात्र 100 मीटर की दूरी पर स्थित ये टॉयलेट्स कचरे के ढेर के बीच रखे गए थे, जहां अज्ञात कारणों से लगी आग ने इन्हें पूरी तरह राख कर दिया। यह घटना न सिर्फ लाखों रुपये की सार्वजनिक संपत्ति की बर्बादी का सबूत है, बल्कि करैरा में स्वच्छता और बुनियादी सुविधाओं के प्रति नगर परिषद के रवैये की भी पोल खोलती है।

आग ने खोली अव्यवस्था की पोल, इन टॉयलेट्स का कोई धनी ढोरी नहीं 

फूटा तालाब के पास ये अस्थाई टॉयलेट्स विशेष रूप से बाजार आने वाली ग्रामीण महिलाओं की सुविधा के लिए लगाए गए थे। लेकिन, इन्हें कचरे के ढेर के बीच असुरक्षित तरीके से रखा गया, जहां नगर परिषद रोज कचरा डलवाती थी। प्रत्यक्षदर्शियों के मुताबिक, कचरे में आग लगने के बाद टॉयलेट्स भी चपेट में आ गए और कुछ ही देर में पूरी तरह नष्ट हो गए। आग की इस घटना ने न केवल टॉयलेट्स को बर्बाद किया, बल्कि नगर परिषद की लापरवाही को भी उजागर कर दिया। सवाल उठ रहे हैं कि इतनी महत्वपूर्ण सार्वजनिक संपत्ति की सुरक्षा के लिए कोई इंतजाम क्यों नहीं किए गए?
बाकी टॉयलेट्स की भी बदहाली
फूटा तालाब की घटना कोई इकलौता मामला नहीं है। करैरा के अन्य हिस्सों में लगाए गए अस्थाई टॉयलेट्स भी बदहाली की कगार पर हैं। एसबीआई बैंक शिवपुरी रोड ब्रांच के बाहर, ब्लॉक कार्यालय के पास, वार्ड नंबर 3 में मंगल पांडे प्रतिमा की गली और नगर परिषद कार्यालय के आसपास के टॉयलेट्स की हालत भी दयनीय है। करीब 9 लाख रुपये की लागत से बनाए गए ये टॉयलेट्स दो महीने में ही बेकार हो चुके हैं। न सफाई, न पानी की व्यवस्था, न ही रखरखाव – इन टॉयलेट्स की दुर्दशा ने जनता का भरोसा तोड़ दिया है। कई जगहों पर स्थानीय लोगों ने मजबूरी में टॉयलेट्स पर ताले लगा दिए हैं, क्योंकि बदबू और गंदगी के कारण इनका इस्तेमाल असंभव हो गया है।

जनता में नगर परिषद के प्रति आक्रोश, महिलाओं की मुश्किलें बढ़ीं

इन टॉयलेट्स को खासतौर पर महिलाओं की सुविधा के लिए बनाया गया था, लेकिन अब ये असुविधा और शर्मिंदगी का कारण बन गए हैं। बाजार में पहले से ही सार्वजनिक शौचालयों की कमी थी, और अब अस्थाई टॉयलेट्स के जलने और बाकियों की खराब हालत ने समस्या को और गंभीर कर दिया है। ग्रामीण महिलाएं और स्थानीय लोग नगर परिषद से जवाब मांग रहे हैं। उनका कहना है कि अगर इतनी बड़ी राशि खर्च करने के बाद भी सुविधाएं नहीं मिलेंगी, तो इसका जिम्मेदार कौन है। इस आग जनी की घटना ने नगर परिषद की कार्यप्रणाली पर गंभीर सवाल खड़े कर दिए हैं। आखिर क्यों टॉयलेट्स को कचरे के ढेर के पास रखा गया।सुरक्षा और रखरखाव के लिए कोई कदम क्यों नहीं उठाए गए।लाखों रुपये की संपत्ति की बर्बादी का जिम्मेदार कौन है।जनता अब नगर परिषद से ठोस जवाब और कार्रवाई की मांग कर रही है, ताकि भविष्य में ऐसी घटनाएं न दोहराई जाएं और स्वच्छता का सपना हकीकत बन सके।

इनका कहना है ।

(1) करैरा में बुनियादी सुविधाओं के प्रबंधन में यह गहरी खामियों का प्रतीक है। यह वक्त है कि नगर परिषद अपनी जिम्मेदारी समझे और जनता की सुविधा को प्राथमिकता दे, वरना स्वच्छ भारत का नारा सिर्फ कागजों तक ही सीमित रह जाएगा।

भूपेंद्र चौहान स्थानीय निवासी करैरा 

(2) करैरा में इन टॉयलेट्स को विशेषकर महिलाओ की परेशानी की समस्या के लिए रखा गया था लेकिन इन टॉयलेट्स का रख रखाव प्रशासन ने सही नहीं किया । किस तरह जनता के टैक्स का पैसा आग में बहाया जा रहा है इसका जीता जागता उदाहरण है यह आग के हवाले हुआ टॉयलेट्स है ।

शालिनी सोनी पार्षद वार्ड 3 करैरा
पत्रकार राजेन्द्र गुप्ता मो नं8435495303