भीषण गर्मी में भी बाजारों में बिक रहा बारूद
करैरा:- करैरा नगर में इन दिनों भीषण गर्मी के बीच अवैध पटाखों और बारूद की बिक्री जोरों पर है। तापमान 44 डिग्री सेल्सियस तक पहुंचने के बावजूद न्यू बस स्टैंड और मुख्य बाजारों में खुलेआम पटाखे बेचे जा रहे हैं। शादी-विवाह के सीजन को देखते हुए करीब 30 कारोबारी बिना वैध लाइसेंस के घनी आबादी वाले क्षेत्रों में यह खतरनाक कारोबार चला रहे हैं। यह अवैध व्यापार न केवल दुकानदारों की, बल्कि आसपास के निवासियों की जान के लिए भी खतरा बन रहा है। एक छोटी-सी चिंगारी से सैकड़ों दुकानें और घर पल भर में तबाह हो सकते हैं। शासन के नियमों की खुलेआम अनदेखी कर ये कारोबारी दीपावली के लिए मिलने वाले 3 दिन के अघोषित लाइसेंस का दुरुपयोग कर साल भर पटाखे बेच रहे हैं। स्थानीय लोगों का कहना है कि इस कारोबार पर रोक लगाने के लिए कोई ठोस कदम नहीं उठाया जा रहा, जिससे हादसे का डर और बढ़ गया है।
घरों में बारूद के गोदाम, सुरक्षा नियमों की अनदेखी
करैरा में कई दुकानदारों ने अपने घरों को बारूद के गोदाम में बदल दिया है, जो किसी भी वक्त भयावह हादसे का कारण बन सकता है। शासन के निर्देशों के अनुसार, पटाखा दुकानें शहर से बाहर होनी चाहिए, जहां अग्निशमन यंत्र, पानी की टंकी और अन्य सुरक्षा उपाय अनिवार्य हैं। इसके अलावा, इस कारोबार के लिए वैध लाइसेंस भी जरूरी है। लेकिन करैरा में कारोबारी इन नियमों को ताक पर रखकर घनी आबादी वाले इलाकों में पटाखे बेच रहे हैं। पूर्व में इस तरह के अवैध कारोबार से कई गंभीर हादसे हो चुके हैं। उदाहरण के लिए, गुजरात की एक पटाखा फैक्ट्री में लगी आग में मध्य प्रदेश के 19 लोगों की जान चली गई थी। इसके बावजूद करैरा में इस खतरनाक कारोबार पर कोई लगाम नहीं है। स्थानीय निवासियों का आरोप है कि प्रशासन की उदासीनता के कारण कारोबारी बेखौफ होकर यह गोरखधंधा चला रहे हैं। अगर समय रहते कार्रवाई नहीं हुई, तो गर्मी और बारूद का यह मिश्रण करैरा के लिए विनाशकारी साबित हो सकता है।
प्रशासन की निष्क्रियता के कारण नागरिकों में बढ़ रही दहशत
करैरा में प्रशासन की चुप्पी से अवैध पटाखा कारोबारियों के हौसले बुलंद हैं। स्थानीय लोग इस खतरनाक कारोबार से दहशत में हैं और प्रशासन से तत्काल सख्त कार्रवाई की मांग कर रहे हैं। नागरिकों का कहना है कि अगर इस पर अंकुश नहीं लगाया गया, तो एक बड़ा हादसा तय है। विशेषज्ञों के अनुसार, भीषण गर्मी में बारूद का भंडारण और बिक्री और भी जोखिम भरा है। प्रशासन को चाहिए कि वह नियमित जांच करे, अवैध कारोबारियों के खिलाफ कड़ी कार्रवाई करे और लाइसेंस नियमों का सख्ती से पालन सुनिश्चित करे। करैरा के निवासियों की सुरक्षा के लिए तत्काल कदम उठाना जरूरी है, अन्यथा यह लापरवाही भारी पड़ सकती है। लोगों ने प्रशासन से मांग की है कि पटाखा दुकानों को शहर से बाहर स्थानांतरित किया जाए और सुरक्षा मानकों का पालन कराया जाए।
पत्रकार राजेन्द्र गुप्ता मो नं 8435495303