करैरा :- करैरा तहसील के खैराघाट ग्राम में शासकीय पहाड़ को तोड़कर अवैध कॉलोनी बनाने का गंभीर मामला सामने आया है। खसरा नंबर 451, 455 और 456 पर अवैध प्लॉटिंग का काम मेसर्स बगीचा सरकार डेवलपर्स के नाम से बिना किसी वैध अनुमति के चल रहा है। शिकायतकर्ता शैलेंद्र यादव ने इस मामले को उजागर करते हुए स्थानीय प्रशासन और राजस्व अधिकारियों की मिलीभगत पर गंभीर आरोप लगाए हैं।
ग्रामीणों में भय का माहौल:
ग्रामीणों का कहना है कि माफिया बेखौफ होकर अपनी गतिविधियां चला रहे हैं। पार तोड़कर की जा रही प्लॉटिंग और शासकीय भूमि पर कब्जे के कारण ग्रामीणों में डर का माहौल है। वे माफियाओं की धमकियों और प्रशासनिक दबाव के कारण खुलकर शिकायत करने की हिम्मत नहीं जुटा पा रहे हैं।
शिकायत की प्रमुख बातें:
देवस्थान की भूमि पर कब्जा किया जा रहा है।
हरे-भरे पेड़ों को काटकर पर्यावरण को गंभीर खतरा पहुंचाया जा रहा है।
बिजली की बड़ी लाइनों के खंभों को भी हटाने का प्रयास किया जा रहा है।
स्थानीय पटवारी और राजस्व अधिकारियों की मिलीभगत से माफिया यह अवैध निर्माण कर रहे हैं।
शिकायत करने वालों को धमकियां देकर या प्रलोभन देकर शांत कराने की कोशिश की जा रही है।
कुछ लोगों ने प्लॉटिंग पर स्टे लिया था, लेकिन माफियाओं ने दबाव बनाकर और लालच देकर इसे खत्म करवा दिया।
प्रमुख मार्ग पर खुलेआम अवैध कार्य:
यह अवैध कॉलोनी करैरा-भितरवार मुख्य मार्ग पर बनाई जा रही है, जहां से एसडीएम, तहसीलदार सहित राजस्व विभाग के सभी अधिकारियों और जनप्रतिनिधियों का नियमित आना-जाना होता है। इसके बावजूद माफिया ने बेखौफ होकर शासकीय तालाब की वर्षों पुरानी पहाड़ तोड़ दी और अवैध प्लॉटिंग कर ली। ग्रामीणों ने सवाल उठाया है कि जब यह निर्माण प्रशासन की नाक के नीचे हो रहा था, तो अधिकारियों ने अब तक कार्रवाई क्यों नहीं की?
तहसीलदार ने गठित किया जांच दल:
इस मामले में करैरा तहसीलदार कल्पना शर्मा ने जांच के लिए विशेष दल गठित किया है। शिकायतकर्ता शैलेंद्र यादव ने मांग की है कि मौके की जांच स्थानीय पटवारी और राजस्व निरीक्षकों के बजाय अन्य निष्पक्ष अधिकारियों, पटवारी और आरआई से कराई जाए।
पटवारी पर उठे सवाल:
शिकायतकर्ता शैलेंद्र यादव ने स्थानीय पटवारी पर गंभीर आरोप लगाते हुए कहा कि जब यह शासकीय भूमि थी और यहां बगीचा सरकार डेवलपर्स के नाम से अवैध निर्माण लंबे समय से चल रहा था, तो स्थानीय पटवारी और राजस्व अधिकारियों को यह गतिविधि क्यों नहीं दिखाई दी? इस पूरे मामले ने उनकी कार्यशैली पर गंभीर प्रश्नचिह्न खड़े कर दिए हैं।
स्थानीय नागरिकों की मांग:
अवैध कॉलोनी निर्माण पर तुरंत रोक लगाई जाए।
दोषी अधिकारियों और माफियाओं के खिलाफ सख्त कानूनी कार्रवाई की जाए।
पटवारी और राजस्व निरीक्षकों को तत्काल प्रभाव से अन्यत्र स्थानांतरित किया जाए।
पर्यावरण की रक्षा के लिए पेड़ों की कटाई और पार तोड़ने पर रोक लगाई जाए।
प्रशासनिक कार्रवाई की उम्मीद:
जनसुनवाई में शैलेंद्र यादव ने एसडीएम करैरा को आवेदन देकर इस मामले की जांच की मांग की। एसडीएम ने तहसीलदार को जांच के निर्देश दिए हैं। ग्रामीणों ने उम्मीद जताई है कि प्रशासन दोषियों पर सख्त कार्रवाई करेगा और अवैध कॉलोनी निर्माण को रोकेगा।
वर्जन :-
(1) हमारी पंचायत से किसी ने कॉलोनी की कोई परमीशन नही ली है , जब परमीशन कोई लेगा तो आपको अवगत करा देंगे।
प्रमोद श्रीवास्तव सचिव खैराघाट
(2) इस मामले की दल बनाकर जाँच करवा रहे है
कल्पना शर्मा तहसीलदार करैरा
पत्रकार राजेन्द्र गुप्ता मोनं,8435495303