दतिया,साधना तीर्थ स्थल है डॉ.सीकर कविता पर्व -डॉ.आर.पी.गुप्तापूर्व विभागाध्यक्ष डॉ.गुप्ता ने किया डॉ.आलोक का सम्मान।
दतिया / पिछले दो सौ चौबीस माह से अविरल चलने वाले कविता पर्व ने , भारत में एक महत्वपूर्ण प्रतिष्ठा अर्जित की है । भारत के साहित्य जगत के स्टार कहे जाने वाले डॉ.आलोक सोनी आज हम सभी के लिए प्रेरणास्रोत हैं । उनका हम सभी सम्मान करके गौरवान्वित महसूस कर रहें हैं । साधना तीर्थ स्थल है डॉ.सीकर कविता पर्व " ----- उक्त विचार डॉ. आलोक संस्थान के तत्वावधान में , न्यू दतिया पब्लिक स्कूल के परिसर में आयोजित 224 वें " मासिक डॉ.सीकर स्मृति कविता पर्व में , मुख्य अतिथि की आसंदी से शासकीय के आर जी कालेज ग्वालियर के पूर्व संस्कृत विभागाध्यक्ष रहे डॉ.आर पी गुप्ता ने व्यक्त किए । अध्यक्षता संस्थान के अध्यक्ष प्रसिद्ध साहित्यकार डॉ. आलोक सोनी ने की । विशिष्ट अतिथि के रुप में दतिया मेडीकल कॉलेज के प्राध्यापक हड्डी रोग विशेषज्ञ डॉ.मुकेश शर्मा एवं पूर्व प्रधानाचार्य रहे पूरनचंद्र शर्मा उपस्थित थे । कविता पर्व का संचालन सुप्रसिद्ध कवि सुघर सिंह रावत ने किया । सरस्वती वन्दना कवि मनीराम शर्मा ने प्रस्तुत की । राष्ट्रपति पुरस्कार प्राप्त शिक्षक अमर सिंह दिनकर ने सुन्दर रचना प्रस्तुत करते हुए कहा -- " इस मशीनरी युग में मनुष्य को बना दिया बेकार " सराही गई । युवा कवियत्री श्रीमती मंजू खरे ने उत्कृष्ट रचना पाठ करते हुये कहा - मेरे कान्हा सुनो मेरी प्यार की रीत ऐसी है " सभी को आनंदित कर गई । प्रसिद्ध शायर डॉ.अरविंद श्रीवास्तव असीम ने गजल सुनाते हुए कहा -- " मिलना जुलना शुरू करें फिर , छोड़ें सब तकरार की बातें " सराही गई । विशिष्ट अतिथि प्राध्यापक डॉ.मुकेश शर्मा ने कहा - " कविता पर्व साहित्यकारों के लिए , प्रेरणादाई , ऊर्जावान प्रेरणास्थली बन गया है , यहां सुकुन और आनंद की बरसात होती है । विशिष्ट अतिथि पूरनचंद्र शर्मा ने कविता पाठ करते हुये कहा - माता का आंचल अनंत है और पिता का प्यार । वह तेरे भगवान हैं बंदे , कर उनका सत्कार "। भरपूर सराही गई । पुर्व प्राचार्य कमलकांत शर्मा ने वर्तमान परिस्थितियों का चित्रण करते हुए कहा -- पिता रो रहे घर के अंदर , पुत्र करे हैरान । कितना बदल गया इंसान ।" भरपूर तालियां बजवाई । इस अवसर पर कविता पर्व के मुख्य अतिथि डॉ.आर .पी.गुप्ता , डॉ.मुकेश शर्मा , कमलकांत शर्मा ने सभी साहित्यकारों के साथ मिलकर , साहित्य की अनूठी अद्वितीय साधना करने वाले डॉ. आलोक सोनी का अंगपट्टिका , फूल माला पहनाकर, शाॅल उड़ाकर , श्रीफल भेंट करके सम्मान किया । कवि मनीराम शर्मा ने कहा -- किया किनारा मात पिता से , वृद्धाश्रम दे दूर हुए , उत्कृष्ट रचना पाठ किया । गोविंद मिश्रा ने कहा -- डॉ.आलोक सोनी साहित्य, संस्कृति, कला जगत के महत्त्वपूर्ण स्टार हैं , उनके अद्वितीय प्रयास की हम सभी सराहना करते हैं । सुप्रसिद्ध कवियत्री अर्चना जाटव ने कहा -- 224 वां कविता पर्व आलोक सोनी करा रहे , सबरे जने खुशियां मना रये । सभी ने सराही । हेड कांस्टेबल सुघर सिंह रावत ने कहा - सैनिकों पर सियासत कर , वतन कमजोर करतें हैं ,सराही गई । इस अवसर पर सहदेव कुशवाहा , दिनेश श्रीवास्तव उपस्थित थे । आभार पूर्व प्राचार्य कमलकांत शर्मा ने व्यक्त किया । पत्रकार राजेन्द्र गुप्ता मो नं,8435495303