*तेज सर्दी को देखते हुए सावधानी एवं सतर्कता बरते - सीएमएचओ*
*दतिया // तेज सर्दी एवं शीत लहर को देखते हुए मुख्य चिकित्सा एवं स्वास्थ्य अधिकारी ने जन सामान्य के लिए सलाह* दी है कि वह तेज सर्दी के दौरान सतर्कता एवं सावधानी भी बरतें। उन्होंने जन सामान्य को सलाह देते हुए कहा कि पर्याप्त मात्रा *में गर्म कपड़े रखें आपातकालीन समय के लिए आवश्यक खाद्य पदार्थ, पानी, ईधन, बैटरी, चार्जर इमरजेंसी लाईट एवं आवष्यक दवाईयां* तैयार रखें। शीत लहर के समय विभिन्न प्रकार की बीमारियों की संभावना अधिक बढ़ जाती है *। जैसे फ्लू चलना, सर्दी, खांसी एवं जुकाम आदि के लक्षण हो जाने पर स्थानीय स्वास्थ्य कार्यकर्ताओं या* चिकित्सक से सम्पर्क करें। नियमित रूप से गर्म पेय पीते रहे। अल्प तापवस्था के लक्षण जैसे सामान्य से कम *शरीर का तापमान, न रूकने वाली कपकपी, याददाश्त चले जाना, बेहोशी या मूर्छा की अवस्था* हो जाना, जबान का लड़खड़ाना आदि प्रकट होने पर उचित इलाज कराये।शीत लहर के ससमय कया करें शीत लहर के *दौरान पर्याप्त मात्रा में गर्म कपड़े जैसे दस्ताने, टोपी, मफलर एवं जूते आदि पहने। शीत लहर के समय चुस्त* कपड़े ना पहने यह रक्त संचार को कम करते है इसलिए हल्के ढ़ीले-ढाले एवं सूती कपड़े बाहर की *तरफ एवं ऊनी कपड़े अंदर की तरफ पहने। शीत लहर के समय जितना संभव हो सके घर के अंदर ही रहें और* कोशिश करें कि अति आवश्यक होने पर ही बाहर यात्रा करें। कोविड - 19 एवं अन्य श्वसन संक्रमण से बचने के लिए बाहर जाने पर *अनिवार्य रूप से मास्क अवश्य पहने। पर्याप्त मात्रा में पोषक तत्वों से युक्त भोजन ग्रहण करें एवं शरीर की प्रतिरक्षा* बनाये रखने के लिए विटामिन सी से भरपूर फल और सब्जियां खाएं एवं नियमित रूप *से गर्म तरल पदार्थ अवश्य पीयें। अत्याधिक ठंड़ के समय दीर्घ कालीन बीमारियों जैसे डायबिटीज, उच्च रक्तचाप, श्वास संबंधी बीमारियों वाले मरीज* , वृद्ध पुरूष, महिलाओं जिनकी आयु 64 वर्ष से अधिक 6 वर्ष से कम आयु के बच्चें गर्भवती महिलाएं आदि की ऐसी स्थिति में *देखभाल करें। अधिक ठंड़ पड़ने पर पर्याप्त वेंटीलेशन होने पर ही रूम हीटर का उपयोग करे। एवं बद कमरें को गर्म* करने के लिए कोयले का उपयोग ना करें क्योंकि यह कोयला जलने पर कार्बन मोनोऑक्साईड उत्पन्न होती जो हमारे *स्वास्थ्य के लिए खतरनाक है, जिससे किसी की भी मृत्यु हो सकती है। अधिक ठंड़ पड़ने पर जहां तक संभव हो सके पालतू जानवरों को घर* के अंदर ही रखें। अत्याधिक ठंड पड़ने से प्रभावित शरीर के हिस्से पर मालिश ना करें इससे अधिक नुकसान *पड़ सकता है।lशीत लहर से अधिक ठंड के लम्बे समय तक सम्पर्क में रहने से त्वाचा कठोर एवं सुन्न हो सकती* है। शरीर के अंगों जैसे हाथ, पैर की उंगलियों, नाक एवं कान में लाल फफोले हो सकते हे। शरीर के भाग के मृत हो जाने पर त्वचा का लाल रंग बदलकर काला हो सकता है। यह बहुत खतरननाक है जिसे गैंग्रीन रोग कहा जाता है इसके लिए तत्काल चिकित्सक से *परामर्श लें। शीत लहर के सम्पर्क में आने से फ्रोस्टबाइट एवं हापोथर्मिया बीमारी हो सकती है। शीत* लहर के सम्पर्क में आने से फ्रोस्टबाइट होने परे शरीर के अंगों जैसे हाथ-पैर की अंगलियां सुन्न हो जाना, नाक एवं कान की त्वाचा का रंग *सफेद एवं पीला हो जाना आदि लक्षण पाये जाने पर तत्काल चिकित्सक से परामर्श लें। शीत लहर के सम्पर्क में* आने से हाईपोथर्मिया होने पर शरीर के तापमान में कमी आ सकती है। जिसके कारण बोलने में कठिनाई, नींद का नआना, मांसपेसियों का सुचारू रूप से कार्य न *करना, सांस लेने में कठिनाई आदि लक्षण होने पर तत्काल चिकित्सक से परामर्श लें। शीत लहर से संबंधित* प्राथमिक उपचार हेतु अधिक जानकारी के लिए *एनडीएमए एप फॉलों किया सकता है।l*