दतिया,आनंद ,खुशियों का पर्याय है डॉ.सीकर कविता पर्व --डॉ.निलय गोस्वामी।

डॉ.सीकर स्मृति कविता पर्व का 222  वाॅं अंक सम्पन्न।                                                         दतिया /पिछ्ले उन्नीस वर्षों से , देश की नामी गिरामी साहित्यक विभूतियाॅं  कविता पर्व की शोभा बढ़ा चुकी है , यह  साहित्यक अनुष्ठान है । देश के  साहित्यिक , सांस्कृतिक जगत में  डॉ.आलोक सोनी स्थापित  ब्रांड है  वह हम सभी के गौरव है , डॉ.आलोक के अविस्मरणीय  आयोजन में आकर हम गौरवान्वित हैं  आनंद ,खुशियों का पर्याय है डॉ.सीकर कविता पर्व ,उक्त विचार डॉ.आलोक संस्थान के तत्वावधान में ,न्यू दतिया पब्लिक स्कूल के परिसर में , डबल डायमंड  जुबली  समारोह के वाद ,आयोजित। 222 वें ,मासिक  डॉ.सीकर स्मृति  कविता पर्व में ,मुख्य अतिथि की आसंदी से  इंदरगढ़ शासकीय महाविद्यालय के प्राचार्य डॉ.निलय गोस्वामी ने व्यक्त किए ।अध्यक्षता संस्थान के अध्यक्ष  प्रसिद्ध साहित्यकार डॉ. आलोक सोनी ने की ।  विशिष्ट अतिथि के रुप में  पीतांबरा पीठ संस्कृत विद्यालय के आचार्य डॉ.गजानन तिवारी एवं प्रसिद्ध शायर डॉ.नोशाव सुहेल  उपस्थित थे । कविता पर्व का संचालन सुप्रसिद्ध साहित्यकार डॉ. मंगल सिंह परमार  ने किया  । सुन्दर स्वर लहरी में अहिसास के जिला अध्यक्ष, बुन्देली कवि सुन्दर लाल श्रीवास्तव  ने सुन्दर सरस्वती वन्दना प्रस्तुत करने के बाद बुन्देली में कविता पाठ करते हुए कहा -- उनको उनपे रऊतई हाथ , भलो निभाऊत साथ । सराही गई । युवा कवियत्री  श्रीमती मंजू खरे  ने उत्कृष्ट रचना पाठ कर सभी को आनंदित कर दिया ।  प्रसिद्ध शायर अल्ताफ हुसैन ने   गजल सुनाते हुए कहा, हाथों में मेरे तीर न शमशीर देखना ,सराही गई  । विशिष्ट अतिथि  सुप्रसिद्ध शायर नौशाब सुहेल   ने  शेर सुनाते हुए कहा , प्यार की राह में दीवार उठाते क्यों हो " भरपूर तालियां बजवाई । विशिष्ट अतिथि डॉ.गजानन तिवारी ने कहा - डॉ.आलोक के कविता पर्व में आकर मैं धन्य हों गया , राष्ट्रवादी रचनाऔं ने आनंदित कर दिया । पूर्व प्राचार्य कमलकांत शर्मा ने कहा --  तुम तो शूलों को छू नहीं सकते,ओर फूलों की बात करतें हों , भरपूर तालियां बजवाई । इस अवसर पर संस्थान अध्यक्ष डॉ. आलोक सोनी ने सभी साहित्यिक मित्रों के साथ मिलकर   डॉ.निलय गोस्वामी , डॉ.गजानन तिवारी , डॉ.नौशाब सुहेल  का अंगपट्टिका , फूल माला पहनाकर, श्रीफल भेंट करके सम्मान किया । पूर्व बैंक मैनेजर वी पी सेन ने बेहतरीन रचना पाठ किया ।  सुप्रसिद्ध कवि रिटायर्ड ए एस आई अशोक उचाड़िया   ने गीत  सुनाते हुए   कहा -"  दिये की तरहां जलाया ,बुझा दिया मुझको  " भरपूर सराही गई  ।  कवि मंगल सिंह परमार ने बेहतरीन  रचना सुनाते हुये कहा -- कहां मिलता है मनचाहा जहां , यथार्थ की निष्ठुर धरा पर ,भरपूर खुशी दी ।  अमर सिंह दिनकर ने उत्कृष्ट रचना पाठ  हुए कहा -जे काऊ ने लिख दई सांची बतिया ,सराही गई । सुप्रसिद्ध कवियत्री अर्चना जाटव ने कविता पर्व की तथा डॉ.आलोक सोनी के समर्पित प्रयास की कविता में  सराहना करते हुए कहा -- डॉ.सीकर  कविता पर्व मना रये ,सुन्दर रचना प्रस्तुत की   । अंत में डॉ.आलोक सोनी के गांव में रह रहें ताऊ  डाॅक्टर किशोरी लाल सोनी के निधन पर सभी ने दो मिनट का मौन धारण करके श्रृद्धांसुमन अर्पित किए । इस अवसर पर , बड़ोनी सर्किल के आर.आई.दिनेश श्रीवास्तव , आशुतोष सोनी , सहदेव कुशवाहा उपस्थित थे । आभार राजेंद्र चतुर्वेदी ने व्यक्त किया ।
पत्रकार राजेन्द्र गुप्ता मो नं 8435495303