इंदरगढ़,भारत के योग ने,विश्व में पहचान बनाई - डॉ.आलोक सोनी इंदरगढ़ महाविद्यालय ने की , योग पर राष्ट्रीय वेबीनार दतिया।

दतिया इंदरगढ़,संस्कृत के,युज शब्द से योग बना है , इसका अर्थ है शारीरिक और मानसिक शक्तियों का संयोग  ही योग है । योग करने से हमारे मन को  शांति मिलती है । हमारा जीवन तनाव मुक्त रहता है ,योग से शरीर की थकान खत्म हो जाती है और शरीर रोग मुक्त बन जाता है । भारतीय योग को , विश्व के लगभग दो अरब लोग करतें  हैं  ।  करें योग , रहें निरोग । भारत के योग ने विश्व में पहचान बनाई  " उक्त विचार उच्च शिक्षा विभाग , मध्य प्रदेश शासन के सहयोग से , शासकीय महाविद्यालय , इंदरगढ़ , जिला - दतिया के तत्वाधान में ," जीवन में योग का महत्व " विषय पर आयोजित , एक दिवसीय राष्ट्रीय वेबीनार के समापन समारोह में  मुख्य अतिथि की आसंदी से , अनेक इंटरनेशनल अवॉर्ड विनर सुप्रसिद्ध वक्ता  डॉ. आलोक सोनी ने व्यक्त किये । अध्यक्षता राष्ट्रपति शिक्षक पुरस्कार से सम्मानित , पूर्व प्राचार्य , सुप्रसिद्धसाहित्यकारसी.पी.पटसारिया ने की ।  समापन सत्र का संचालन / संयोजन शासकीय महाविद्यालय , इंदरगढ़ के प्राचार्य डॉ. निलय  गोस्वामी ने  किया ।   इस सत्र में पच्चीस शोधार्थी ने भागीदारी की । राष्ट्रीय बेबीनार के उद्घाटन सत्र की अध्यक्षता करते हुये ,  शासकीय स्नातकोत्तर महाविद्यालय , दतिया के प्राचार्य डॉ.डी.आर. राहुल ने कहा -- योग करने से जीवन आनंदमय हो जाता हैं , बीमारियों से बचने का सबसे अच्छा उपाय , निरंतर योग करें । " इस अवसर पर  डॉ.राहुल ने योग विषय पर दो रचनाएं सुनाकर आनंदित किया । उद्घाटन सत्र में ‌मुख्य वक्ता के रूप में ,  योग एलाइंस इंटरनेशनल पांडिचेरी के फाउंडर , विश्व प्रसिद्ध योगाचार्य स्वामी विद्यानंद जी महाराज ने बोलते हुए कहा --मन आत्मा,शरीर को स्वस्थ्य स्वरूप में रखने के लिए , जीवन में योग आवश्यक हैं  , योग की जीवन में महत्वपूर्ण भूमिका हैं , निरंतर योग करनेवाले , कभी बीमार नहीं पड़ते ।  हृदयरोग , मधुमेह , अस्थमा होने पर , योग करने पर , यह बीमारियां कन्ट्रोल में  रहती हैं । वजन पर काबू पाया जा सकता है । मांसपेशियों में मजबूती आती है । शरीर स्वस्थ्य रहता है ‌,सभी को योग करना चाहिए ।" मुख्य वक्ता के रूप में  विश्व  योग सम्मेलन में योगभूषण उपाधि से सम्मानित , देश-विदेश में योग का परचम फहराने वाले ,  स्वामी  सत्यनाम ने कहा  -योग प्रत्येक मनुष्य का सर्वांगीण ‌विकास करता हैं ।  भारत में  योग , आदिकाल से किया जा रहा । सनातन संस्कृति में योग महत्वपूर्ण भूमिका का निर्वाहन करता आ रहा है ।  योग करने से शरीर,, मन ,आत्मा , एक स्वरूप में स्थापित हो जाती है और हमारा जीवन  आनंदित हो जाता हैं ।  इस अवसर पर प्रोफेसर हरविलास जाटव , डॉ.शबाना बानो , टेकचंद भारद्वाज , डॉ.सरिता सिंह ‌, डॉ.मुकेश मोर्य , डॉ.सचिन गोरी , सहित 80 प्रतिभागियों , शोधार्थियों की भागीदारी रही । आभार क्रींडा़ अधिकारी राघवेन्द्र सिंह यादव ने‌ प्रस्तुत किया। पत्रकार राजेंद्र गुप्ता मो नं 8435495303