बैराड़, में सरकारी शिक्षक अवैध रूप से संचालित कर रहे कोचिंग संस्थान,शिक्षा विभाग बना बौना।

छात्र-छात्राओं पर दबाब बनाकर कोचिंग पढ़ने पर किया जा रहा मजबूर स्कूल से ले रहे सरकारी तनख्वाह फिर भी मोटी कमाई का सिलसिला जारी बैराड़ । करैरा,शासकीय शिक्षकों का कारनामा थमने का नाम नहीं ले रहा है शासकीय शिक्षक कोचिंगों के नाम पर छात्र-छात्राओं से बसूली करने में कोई कोर-कसर नही छोड़ रहे और मोटी कमाई करने में लगे हुए है यहां तक की जब से यह मामला अखबारों और सोशल मीडिया की सुर्खियां बना है उसके बाद यह शिक्षक और सक्रियता से रकम बसूलने में लगे हुए हैंबैराड़ क्षेत्र में इन शिक्षकों ने गली मोहल्लों सहित अपने निजी घरों पर कोचिंग के नाम पर दुकान खोल रखी है बह सरकारी शिक्षक जो विधालयों में पढ़ा रहे हैं बह अपने स्कूल के छात्र छात्राओ पर दबाब बनाकर बच्चों को अपने यहां पढ़ने को मजबूर कर रहे हैं मजबूरी वस बच्चे पढ़ रहे है जिनसे शिक्षक प्रेक्टीकल में नंबर कम देने का दबाब बनाकर मनमानी फीस बसूल रहें हैे इतना ही इन शिक्षकों का पेट सरकार दी हुई तनख्वाह से नही भरता जो स्कूल में पढ़ाने के नाम पर ले रहे है यदि यही शिक्षक स्कूल में पढ़ाई लगन और मेहनत से कराएं तो कोचिंग की जरूर ही नहीं पढ़ेगी परंतु फिर इन शिक्षकों की दुकानें ठप्प हो जाएंगी इन मासूम बच्चो की जिंदगी से खिलवाड़ कैसे करेंगे, मुप्तखोरी की तनख्वाह लेकर अवैध रूप से मोटी कमाई कैसे होगी।सूत्रों से मिली जानकारी से पता चला है कि समाचार पत्रों और मीडिया की सजगता के चलते कई कोचिंगों के समय परिवर्तित कर दिए है और कई कोचिंगो पर 2-3 दिन की छुट्टियां भी हुईं है बच्चों में खबरें देखकर और मीडिया पर इनके कारनमाें को सरेआम करने की सजगता से बच्चो में भय भयाप्त है क्योंकि इससे पूर्व भी बैराड़ में कार्यवाही की गई थी तो बच्चों से फीस बसूल कर रखने बाले सरकारी शिक्षकों की कोचिंगों में हड़कंप मच गया था कई कोचिंग बंद कर दी गईं थी जिसमें बच्चों का पिसना मजबूरी हो गया था। क्योंकि नहीं पढ़ते तो प्रेक्टीकल में कम नंबर देने जैसा दबाब और कार्यबाही होने पर शिक्षकों द्वारा कोचिंग बंद करने का भय बच्चों के जीवन के साथ खिलवाड़ बन रहा है अत: शिक्षा सत्र की शुरुआत के साथ इस ओर ध्यान देकर बच्चों को इन समस्याओं से बाहर निकालने की आवश्यकता है सूत्रों से मिली जानकारी के अनुसार इन शासकीय शिक्षकों के हौंसले इतने बुलंद है कि अब मीडिया की सजगता के चलते भयभीत छात्रों पर दबाब बनाकर उन्हें अपने यहां पर कोचिंग पढ़ने पर मजबूर किया जा रहा है।आखिर क्यों मौन है शिक्षा विभाग??? बता दें कि इससे पूर्व जब मीडिया द्वारा यह  मामला दिखाया गया तो DEO समर सिंह राठौड़ शिवपुरी ने इस संबंध टीम बनाकर कार्यवाही करने की बात कही थी पर लेकिन आज दिनांक तक कोई कार्रवाई इस मामले में नहीं हुई जबकि शासकीय शिक्षक द्वारा खुलेआम पढ़ाने का फोटो वीडियो भी खबरों में प्राथमिकता के साथ देखा गया है लेकिन बाबजूद उसके भी डीईओ समसिंह के कानों तक झूं तक नहीं रेंग रहे ऐसे में अंदाजा लगया जा सकता है कि शिक्षा विभाग और संबंधित आला अधिकारी क्यों मौन बनकर बैठे हुए हैं।
पत्रकार राजेंद्र गुप्ता मो नं8435495303