दतिया, प्रेरणादाई है डॉ.सीकर कविता पर्व एड.प्रणव ढेंगुलाडॉ.सीकर स्मृति कविता पर्व का 217 वाॅं अंक सम्पन्न।

दतिया / निरंतर उन्नीस  वर्षों से , कला , संस्कृति , साहित्य के नये सौपानों को , स्थापित करने का  काम कर रहा कविता पर्व ।  कला , संस्कृति के ब्रांड  डॉ.आलोक सोनी के फिल्मी योगदान के प्रतिफल स्वरूप , आज दतिया  में निरंतर फिल्म तथा वेवसीरीज की शूटिंग हो रही है , दतिया में साहित्य के क्षेत्र में अनुपम काम हो रहा है  ।प्रेरणादाई है  डॉ.सीकर  कविता पर्व,उक्त विचार डॉ. आलोक संस्थान के तत्वावधान में , न्यू दतिया पब्लिक स्कूल के परिसर में , डबल डायमंड  जुबली  समारोह के वाद  , आयोजित 217  वें   " मासिक  डॉ.सीकर स्मृति  कविता पर्व में  " , मुख्य अतिथि की आसंदी से श्री स्वामी जी महाराज ग्रुप ऑफ कालेजज के चैयरमेन एड.प्रणव ढेंगुला  ने व्यक्त किए  । अध्यक्षता संस्थान के अध्यक्ष  प्रसिद्ध साहित्यकार डॉ. आलोक सोनी ने की । विशिष्ट अतिथि के रूप में प्रसिद्ध समाजसेवी रमेश चंद्र सोनी (भोपाल )  उपस्थित थे ।  कविता पर्व का संचालन सुप्रसिद्ध कवि मनीराम शर्मा ने किया  । मधुर स्वर लहरी में , प्रसिद्ध कवि  पूरन चंद्र शर्मा ने सरस्वती वंदना प्रस्तुत करते हुए कहा ,मुझे बना लो प्रभु चरणों का किंकर ।  पाता रहूं चरण कमल रज , धांरू माथे पर ।" भरपूर सराही गई ।  विशिष्ट अतिथि रमेश चंद्र सोनी ने कविता पर्व पर अपने विचार व्यक्त करते हुए कहा ,मुझमें नई उमंग ,नई ऊर्जा का संचार हुआ है , कविता पर्व में । उत्कृष्ट ओर  स्थापित है  कविता पर्व।अहिसास संस्था के अध्यक्ष कवि मनीराम  शर्मा ने  कविता पाठ करते हुए कहा ,जहां  बिराजी  मां  पीतांबरा , जग प्रसिद्ध स्थान  ' सराही गई  । सुंदरलाल श्रीवास्तव ने बुन्देली रचना सुनाते हुए कहा ,वे कछु करें न धरे , घरकिन से रोजई लरें।  भरपूर तालियां बजवाई । इस अवसर पर संस्थान अध्यक्ष डॉ आलोक सोनी ने सभी साहित्यिक मित्रों के साथ मिलकर  , एड.प्रणव ढेंगुला ओर रमेश चंद्र सोनी का  अंगपट्टिका ,  श्रीफल ,भेंट करके ,उनके सामाजिक योगदान को सम्मानित किया । प्रसिद्ध साहित्यकार महेश कुमार लक्षाकार अनुरागी ने कहा -"  बिना पत्ते सी लिख दी पाती ,प्रिय इसे  तुम पढ़ लेना " भरपूर सराही गई  । पूर्व प्राचार्य कमलकान्त शर्मा और पूर्व बैंक प्रबंधक बीपी सेन ,सुगम  ने  बेहतरीन रचना सुनाई , तो वही हास्य कवि अरूण सिद्ध गुरु ने कविता पर्व की तथा डॉ.आलोक सोनी के योगदान की भरपूर सराहना की । सुप्रसिद्ध शायर उम्र  अश्क झांसवी तथा  शायर हाजी सैयद हाशिम अली ने भी बेहतरीन शेरों शायरी पढ़ी ।  आभार साहित्यकार महेश लाक्षाकार  ने व्यक्त किया।                     पत्रकार चंद्र प्रकाश श्रीवास्तव मो,नं 8878817011
पत्रकार राजेंद्र गुप्ता मो नं8435495303