<no title>बेसहारा हुई शीला ने सरकारी मदद के बूते बनाई नई राह

बेसहारा हुई शीला ने सरकारी मदद के बूते बनाई नई राह
दतिया 5 दिसंबर 2019/  शीला देवी कुशवाहा की जिंदगी के कुछ माह का वक्त इतनी मुश्किल सफर से कटा कि जब पीछे मुड़कर देखती हैं तो बीते दिनों की याद भी उनकी आंखों के खौफ में पढ़ी जा सकती है। लेकिन शीला के लिए बीते दिनों का किस्सा बन चुका है सरकार की मुख्यमंत्री जनकल्याण (नया सवेरा) की मदद एवं अपने खुद के बलबूते उसने अपनी जिंदगी की राह को आसान कर लिया।
 दतिया जिले के मांडल कस्बे की रहने वाली शीला के 55 वर्षीय पति श्री अशोक कुशवाहा कारीगर थे और असंगठित क्षेत्र के श्रमिक के रूप में उनका पंजीयन हो चुका था इसी तरह शीला कि आज का चल रही थी मगर अचानक जून 2019 में सड़क दुर्घटना में अशोक कुशवाहा की मृत्यु हो गई अशोक की अकस्मात मृत्यु से उनकी पत्नी शीला पर मुसीबतों का पहाड़ टूट पड़ा शीला को अपने पति के अंत्येष्टि के लिए पैसे की कमी ने परेशान कर दिया था।
  अपने पति की अंत्येष्टि के लिए उन्हें उधार पैसे लेने पड़े उसके पास घर के खर्च के लिए पैसे नहीं थे लिहाजा उसे कर्ज लेना पड़ा इस बीच शीला ने लोगों की सलाह पर संबंध भाग से संपर्क किया शीला को जल्द ही नया सवेरा योजना के अंतर्गत अंत्येष्टि सहायता एवं अनुग्रह राशि के रूप में शासन से ₹4 लाख पांच हजार रुपये की आर्थिक सहायता मिल गयी।
  शीला ने इस आर्थिक सहायता से ना सिर्फ अंत्येष्टि के लिए उधार लिए पैसे को चुका है बल्कि घर के खर्च के लिए उधार लिए पैसों को भी अदा कर दिया इस तरह किसी भी वस्तु से पांचला गांव आज की शीला को सरकारी मदद ने उनके हौसले एवं उत्साह को लौटा दिया और अपने परिवार को चलाने के लिए संभलने का मौका दे दिया शीला विवाह कहती हैं दुख के समय में सरकार ने हमारी पूरी मदद की है।