हम्मालो की हड़ताल से कृषि उपज मंडी को लाखों रुपए का राजस्व की हानि सारा दिन नहीं हो सकी कृषि मंडी की तौल

हम्मालो की हडताल से कृषि उपज मण्डी को लाखों रूपये का राजस्व घाटा


सारा दिन नहीं हो सकी कृषि उपज मण्डी में तौल 


हम्मालो की मांग तुलाई और लोडिंग पर बढाए मजदूरी 


प्रशासन और हम्मालो और व्यापारियो के बीच नहीं बनी कोई सहमति


व्यापारियो और मण्डी प्रशासन की सहमति से धर्मकांटे से होगी सीधे खरीदी


 रिपोर्ट/--- घनश्याम बाबा ब्यूरो चीफ डबरा


डबरा। सोमवार का दिन प्रशासन के लिए खराब दिन रहा कि बगैर बताए हम्मालो ने सोमवार को एकदम हडताल कर दी जिस हडताल के चलते कृषि उपज मण्डी में किसानो द्वारा लाई गई उपज की तोल नहीं हो सकी हम्मालो के हाई वोल्टेज ड्रामा के बाद प्रशासन के मुखिया एसडीएम, नायब तहसीलदार, एसडीओपी, सिटी थाना प्रभारी मण्डी में पंहुचे और हम्मालो से एसडीएम ने हम्मालो को काफी समझाने का प्रयास किया लेकिन हम्माल अपने अध्यक्ष के नेतृत्व में कोई भी बात सुनना नहीं चाहते थे और अपनी मांग पर अडे रहे जिसके कारण कृषि उपज मण्डी को तोल न होने के कारण लाखों रूपये के राजस्व का घाटा भी उठाना पडा फिलहाल सोमवार को कोई उचित निर्णय न होने के कारण मंगलवार को भी सभी हम्माल हडताल पर रहेंगे ऐसी स्थिति में स्थानीय प्रशासन और व्यापारियों और मण्डी प्रशासन की सहमति से किसानो की उपज धर्म कांटे के माध्यम से सीधे व्यापारियो के गोदामो पर पंहुचेगी।


 दरअसल, कृषि उपज मण्डी के लगभग 6 हजार हम्माल अपने अध्यक्ष टीकाराम के नेतृत्व में प्रशासन और मण्डी प्रशासन को बगैर सूचना दिए हडताल पर चले गए उनकी मांग है कि तुलाई में दो रूपये और लोडिंग में 2 रूपये की बढोत्तरी की जाए अगर बढोत्तरी नहीं की गई तो ऐसी स्थिति में सभी हम्माल हडताल पर रहेंगे हम्मालो की हडताल की खबर जैसे ही स्थानीय प्रशासन को लगी एसडीएम राघवेन्द्र पाण्डे, नायब तहसीलदार श्यामू श्रीवास्तव, एसडीओपी उमेश सिंह तोमर और सिटी थाना प्रभारी कृषि उपज मण्डी पंहुचे और हम्मालो से हडताल तोडने को कहा लेकिन हम्मालो और उनके अध्यक्ष ने प्रशासन की एक नहीं सुनी और अपनी मांग पर अडे रहे।


तौल न होने से किसानो में आक्रोश........


 हम्मालो की हडताल से अंचल से आए किसान आक्रोशित दिखे किसानों का कहना था कि स्थानीय प्रशासन और मण्डी प्रशासन को ऐसा बीच का रास्ता निकालना चाहिए जिससे हम किसानो का नुकसान न हो हम लोग शनिवार-रविवार को कृषि उपज मण्डी में अपनी उपज लेकर आए वह भी सोमवार को तुल नहीं सकी। 


व्यापारियों और मण्डी व स्थानीय प्रशासन के बीच बनी सहमति.......


 हम्मालो ने जब स्थानीय प्रशासन की बात नहीं मानी तो मण्डी सचिव के चैम्बर में व्यापारियों और प्रशासन के मुखिया एसडीएम और मण्डी प्रशासन के बीच सहमति बनी कि हर कीमत पर किसानो की उपज खरीदी जाएगी जिसके लिए 6 व्यापारियो के मिलो में लगे धर्मकांटो को चिन्हित किया गया है। 


कृषि उपज मण्डी को राजस्व में लाखों का घाटा.....


 हम्मालो की हडताल से कृषि उपज मण्डी में एक भी ट्राॅली की तोल नहीं हो सकी जबकि प्रतिदिन नियमों से तोल होने के कारण मण्डी प्रशासन को 25 लाख रूपये तक का प्रतिदिन राजस्व आमदनी होती थी लेकिन सोमवार को मण्डी प्रशासन को 25 लाख का राजस्व घाटा हम्मालो की हडताल के कारण देखना पडा।


इनका कहना.......


 हम्मालो की हडताल से हम किसान परेशान हो रहे है तीन दिन से कृषि उपज मण्डी में ट्राॅली लेकर खडे हुए है अगर हम्मालो की हडताल है तो प्रशासन को कोई दूसरा रास्ता इख्तियार करना चाहिए। 


   सुरेश सिंह सिद्धू (किसान)


 व्यापारियों और हम्मालो के झगडो के बीच में किसान पिस रहा है अंचल ही नहीं गुना, अशोकनगर और उत्तरप्रदेश से किसान अपनी उपज लेकर इस मण्डी में बेचने के इंतजार में खडा है जबकि धान के भाव में भी काफी गिरावट है।


    द्वारिका प्रसाद (किसान)


 जब तक हमारी मांगे पूरी नहीं होगी हम हडताल पर ही रहेंगे इस महंगाई के दौर में हमारी मजदूरी कम है हमारी मांग के अनुसार मजदूरी दी जाए शासन की योजनाओ का लाभ भी हमें नहीं मिल पा रहा है।


   टीकाराम (हम्माल अध्यक्ष)


 हम्माल प्रशासन और व्यापारी की बात मानने को तैयार नहीं है न तो वह प्रशासन के सामने मांगे रख रहे है जबकि सन् 2017 में ठहराव प्रस्ताव में हम्मालो के अध्यक्ष टीकाराम ने 1 जनवरी 2020 तक का रेट न बढाने का एग्रीमेंट किया था यह हडताल अनलीगल है।


   दिनेश गोयल (व्यापारी संघ अध्यक्ष)


 हम्मालो के बीच पंहुचकर बातचीत की गई थी और उन्होने हम्मालो से कहा कि सन् 2017 में मजदूरी बढाई गई थी उस वक्त लिखित में तय हुआ था कि 3 वर्षाें तक किसी प्रकार की हडताल नहीं होगी लेकिन हम्मालो ने अपने ही नियमों को तोडकर बगैर सूचना दिए हडताल पर जाना पूर्णतः गलत है।


   नायब तहसीलदार श्यामू श्रीवास्तव