हममार्लों की हड़ताल से मंगलवार को नहीं हो सकी खरीद किसानों की उपज की तौल व्यापारियों और हम बालों के बीच हुई बैठक कोई सहमति नहीं

हम्मालो की हडताल से मंगलवार को नहीं हो सकी किसानो की उपज की तोल


व्यापारियों और हम्मालो के बीच हुई बैठक, नहीं बन पाई कोई भी सहमति ........


 रिपोर्ट/------ घनश्याम बाबा ब्यूरो चीफ डबरा


डबरा। बगैर सूचना दिए हम्मालो की हडताल सोमवार के साथ-साथ मंगलवार को भी रही हम्माल मांग कर रहे है कि हमारी मजदूरी में बढोती की जाए जिस मामले को लेकर स्थानीय प्रशासन के साथ सोमवार को कोई भी निर्णय नहीं हो पाया था जिसको लेकर हम्मालों और व्यापारियों के बीच मंगलवार को बैठक का दौर चला लेकिन इस दौर में कोई भी सहमति नही बन पाई जबकि व्यापारियों ने ढाई रूपया हम्मालो के बढाने की बात रखी है लेकिन हम्माल तीन रूपये बढोत्तरी को लेकर अपनी मांग पर अडे हुए है अब देखना यह है कि बुधवार को हम्मालो और व्यापारियो के बीच सहमति बन पाएगी या नहीं अगर सहमति नहीं बनी तो ऐसी स्थिति में बुधवार को भी कृषि उपज मण्डी में किसानो की उपज की तौल बंद रहेगी। 


सोमवार सेे मंगलवार तक कृषि उपज मण्डी को घाटा ही घाटा.......


 रविवार छुटटी होने से कृषि उपज मण्डी बंद रही सोमवार को हम्मालो की हडताल होने से मंगलवार को भी कृषि उपज मण्डी में किसी भी व्यापारी ने किसानो का माल नहीं खरीदा जिसके चलते कृषि उपज मण्डी को प्रतिदिन मिलने वाला राजस्व नहीं मिल पा रहा है और मण्डी को घाटा सहना पड रहा है। 


मजबूरी किसानो की कहां बेचे अपनी उपज.......


 इसे किसानेा की बेबसी कहे या हम्मालो की हिटलरशाही, जिसको लेकर कृषि उपज मण्डी में रविवार से लेकर मंगलवार तक हडताल होने से किसान अपनी ट्राॅली लेकर कृषि उपज मण्डी में अपनी उपज बेचने के इंतजार में खडे हुए है इस सर्दी के मौसम में किसान काफी परेशान है।


मण्डी प्रशासन ने एसडीओपी को भेजा प्रतिवेदन......


 हम्मालो की हडताल को लेकर कृषि उपज मण्डी के कार्य में बाधा उत्पन्न करने को लेकर कृषि उपज मण्डी प्रशासन ने एसडीओपी सुधीर सिंह कुशवाह को प्रतिवेदन भेजकर हम्मालो के अध्यक्ष टीकाराम के खिलाफ शासकीय कार्य में बाधा का मामला दर्ज करने की मांग की है। 


छुटभईये व्यापारियों की पौवारा.........


 कृषि उपज मण्डी में किसानों की उपज हडताल के कारण न बिक पाने को लेकर मजबूरीवश किसान अपना माल सडक किनारें छुटभईयें नेताओ के यहां बेच रहे है सूत्र बताते है कि इन छुटभईये व्यापारियों के द्वारा घोडीछाप कांटो पर तोल करने के कारण किसानो की उपज तोलते समय घाटा भी पंहुचा रहे है जिसके चलते किसानो को काफी नुकसान हो रहा है।